ये जिंदगी भी
बडी नाझनीं है
कभी गम और कभी ख़ुशी
की आँख मिचोली है
लोग मिलते बिछडते हैं
यादे बनती बिगडती हैं
कभी फुल तो कभी काटे
राह पर पिरोती रहती हैं
डरना नही अँधेरो से
रुकना नही पथ के रोडो से
बस चलते रेहना ऐसे हीं
उजालो की खोज मैं
इन्सान वही जो
गिरकर संभले
ठेस लगे भी तो
गिरके फिर से ऊठ जाए
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती हैं
जीने का होसला देकर
आसू पोचकर, उमीद बांधकर
आगे बढ़ने की हिंमत जुटाती हैं
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